Saturday, April 1, 2023

वसंत ऋतू मराठी कविता - Poem on Spring Season in Marathi

 

वसंत ऋतू मराठी कविता - Poem on Spring Season in Marathi


वसंत ऋतू मराठी कविता - Poem on Spring Season in Marathi


1.वसंताचे आगमन 


सोनेरी किरणांनी चैत्राची
 नवी  पहाट  उगवली, 
वसंताच्या  आगमने
नववर्षाची सुरुवात  जाहली.

 मोहरला  आम्रतरू
 सृष्टी सारी  बहरली, 
पानझड गळून वृक्षवेली 
नवं चैतन्य लेवुन नटली.

कोकिळेचे  मंजुळ  स्वर 
साद  घालती  मनाला,
पक्षी किलबिलाट करून 
प्रतिसाद  देई  निसर्गाला. 

थंडगार वाऱ्याच्या झुळुकिने
मोगऱ्याचा  सुगंध  दरवळला,
 अति  उत्साह  आनंदाने
 मनमोगरा प्रफुल्लित जाहला.

ऋतुंचा  राजा  वसंत 
 देई  मोद जीवनात, 
 रंग  उधळीत  उत्सव
साजरा करू उल्हासात. 






2.ऋतुराज


 शिशिराची  पानगळ सपंता
  लागे  चाहूल  वसंताची,
  मनाला  होई  अत्यानंद 
 पाहता नवपालवी झाडांची.

 आगमन  वसंताचे 
 आला आंब्याला मोहर,
 सृष्टीची ती नवलाई
 नवं  चैतन्य  बहर. 

बहरला  पळसही
लाल केशरी रंगाने,
रातराणी, जाई जुई
 दरवळे  सुवासाने.

 नाना  रंग  उधळीत 
आला  हा  ऋतुराज,
 धरा  हर्षे  मनोमनी
 लेवूनी नवतीचा  साज. 

विचारांचे मळभ दूर होऊनी
 दुःखाचा  व्हावा  अंत,
 प्रत्येकाच्या जीवनात सदा
 असाच  यावा  वसंत.

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